NCERT Book Class 12 Hindi Aroh: Chapter 1 हरिवंश राय बच्चन कवि परिचय +Pdf Download (Updated)

 

NCERT Book Class 12 Hindi Aroh: Chapter 1 हरिवंश राय बच्चन कवि परिचय
NCERT Book Class 12 Hindi Aroh: Chapter 1 हरिवंश राय बच्चन कवि परिचय

NCERT Book Class 12 Hindi Aroh: Chapter 1 हरिवंश राय बच्चन कवि परिचय

Class 12 Hindi Aroh: Chapter 1 हरिवंश राय बच्चन कवि परिचय में  हरिवंश राय बच्चन जी की जीवनी का परिचय बताता है| जिससे आप Class 12th व अन्य संबधित परीक्षा दे सकते है| 

इस पोस्ट में  Class 12 Hindi Aroh: Chapter 1 हरिवंश राय बच्चन की कवि परिचय, उनकी द्वारा लिखी रचनाये और उनका जन्म-निधन के बारे में लिखा गया है| 

जन्म: सन् 1907, इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश)

प्रमुख रचनाएँ : 

  1. मधुशाला(1935)
  2. मधुबाला(1938)
  3. मधुकलश (1938)
  4. निशा निमंत्रण
  5. एकांत संगीत
  6. आकुल-अंतर
  7. मिलनयामिनी
  8. सतरंगिणी
  9. आरती और अंगारे
  10. नए पुराने झरोखे
  11. टूटी-फूटी कड़िया (काव्य सग्रह); 
  12. क्या भूलूँ क्या याद करुँ
  13. नीड़ का निर्माण फिर
  14. बसेरे से दूर
  15. दशद्वार से सोपान तक (आत्मकथा चार खंड);
  16. हैमलेट
  17. जनगीता
  18. मैकबेथ (अनुवाद); 
  19. प्रवासी की डायरी (डायरी) 

उनका पूरा वाङ्मय 'बच्चन ग्रंथावली' के नाम से दस खंडो में प्रकाशित| 

निधन: सन्  2003, मुंबई में

अन्य मगर महत्वपूर्ण

जन्म: 1907 ई. (इलाहाबाद)

निधन: 2003 ई. (मुम्बई)

पिता: प्रतापनारायण

माता: सरस्वती देवी

शिक्षा: B.A + M.A (इलाहाबाद विश्वविद्यालय)

          -Ph.D (कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी)

           -1942-52 इलाहाबाद विश्वविद्यालय में प्रध्यापक रहे 

           -आकाशवाणी के साहित्यिक कार्यकर्मो से भाग लेते रहे

            -विदेश मंत्रालय में हिंदी विशेषज्ञ 

            -1966 राज्यसभा के सदस्य रहे

पुरस्कार-

  1. सोवियत लैंड नेहरू(1966)
  2. साहित्य अकादमी (1968) 'दो चटाने' रचना के लिए
  3. पदम् भूषण (1976)
  4. सरस्वती(1992)

→प्रेम तथा मस्ती  काव्यधारा के प्रवर्तक थे

→हालाबाद के प्रवर्तक

उपनाम-

  1. आत्म केंद्रित कवि 
  2. आत्मानुभूति के कवि 
  3. प्रबंध शिरोमणि 
  4. श्रयी रोमांस के कवि 
  5. हिंदी के 'बायरन'

-आप (हरिवंश राय बच्चन) फ़ारसी कवि उमर ख्याम के जीवन दर्शन से काफी प्रभावित थे

-शुरुआती कविताओं में इश्क, प्यार, पीड़ा तथा मयखाना 

बाद के कविताओं में वैचारिक तथा प्रौढ़ गभींर चिंतन

-अपने छायावादी लाक्षणिक  वक्रता की बजाय सीधी सरल भाषा तथा सवेदनशील गेय शैली में अपनी बात कहीं 

-दोनों महायुद्धों में आम जनता के लोगो के विकल मन को वाणी दिया 

-आपकी लोकप्रिय प्रसिद्धी का मूल आधार- व्यक्तिगत जीवन में घटित घटनाओ की सहज अनुभूति की ईमानदार अभिव्यक्ति 

-आपकी लेखनी कविता के साथ-साथ नाटक,डायरी तथा आत्मकथा पर भी चली

-प्रसिद्ध पंक्ति- "पूर्व चलने के बटोही बाट की पहचान कर ले|"

पूरा साहित्य/ वाङ्मय-

रचनाएँ 

काव्य/कविता संग्रह -

  1. तेरा घर(1932) - प्रथम रचना 
  2. मधुशाला(1935 )
  3. मधुकलश  
  4. निशा निमत्रण
  5. मधु बाला 
  6. आकुल अंतर् 
  7. एकांत संगीत 
  8. मिलन यामिनी 
  9. संतरगिणी 
  10. बगांल का अकाल 
  11. खादी के फूल (हरिवंश राय बच्चन+ सुमित्रा नंद पंत)
  12. आरती और अंगारे
  13. नए-पुराने
  14. दो चटाने
  15. टूटी-फूटी कड़िया 
  16. सोड़ंहहंस (1983) - अंतिम काव्य सग्रह

आत्मकथा (4 खंडो में)

  1. क्या भूलू क्या याद करुँ 
  2. नीड़ का  निर्माण फिर 
  3. बसेरे से दूर 
  4. दस द्वार से सोपान तक 

→ डायरी 

प्रवासी एक डायरी 

नोट : इन्होने अपना पूरा साहित्य 'बच्चन ग्रंथावली ' के नाम से दस खंडो में संकलित कर दिया 

अनुवादित किताबे-

  1. हैमलेट 
  2. जनगीता 
  3. मैकबेथ 

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